"शाद" आज हर घरमें अमर जगजीत है। "शाद" आज हर घरमें अमर जगजीत है।
उस छिद्र से ब्रह्माण्ड के बाहर को निकली थी फिर जल की धारा। उस छिद्र से ब्रह्माण्ड के बाहर को निकली थी फिर जल की धारा।
यूँ एक खाली अथाह से मैदान में, कैसे जानू मैं? मार्ग सीधा है, या कोई मोड़ है? पदचिन्ह इतने सामने, हर ... यूँ एक खाली अथाह से मैदान में, कैसे जानू मैं? मार्ग सीधा है, या कोई मोड़ है? पदच...
हूँ इंतज़ार में, और एक अभिलाषा छुपी मेरे अंदर जब ‘फिर’ भगत की टोली आए शौक़ से मेरे दर पर...! हूँ इंतज़ार में, और एक अभिलाषा छुपी मेरे अंदर जब ‘फिर’ भगत की टोली आए शौक़ से...
जब नाम आये राष्ट्र भक्तों का, ए भगतसिंह तू रहे सबसे आगे, तू रहे सबसे आगे...! जब नाम आये राष्ट्र भक्तों का, ए भगतसिंह तू रहे सबसे आगे, तू रहे सबसे आगे...!
शुकदेव जी कहें, हे राजन भरत जी का पुत्र सुमति था! शुकदेव जी कहें, हे राजन भरत जी का पुत्र सुमति था!